स्वाध्याय

बुद्धिमता – सतर्कता और मूर्खता क्या है ?

बुद्धिमता - सतर्कता और मूर्खता क्या है ? - Buddhimata Satarkata aur Moorkhata kya hai

जो लोग अपने जीवन में सुख प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें इन तीन बातों को समझना और समझ कर ठीक ठीक पुरुषार्थ करना आवश्यक है। वे तीन बातें ये हैं।

बुद्धिमत्ता, सतर्कता और मूर्खता।

बुद्धिमत्ता क्या है — दूरदर्शी होना अर्थात दूर तक सोच कर काम करना। आपकी विद्या बुद्धि शक्ति के अनुसार जो कार्य आपसे संभव हो सकता हो, उसी को करने की योजना बनाना। कार्य पूरा होने में क्या-क्या बाधाएं आ सकती हैं, उन पर पहले विचार करना, और उन्हें दूर करने के उपाय ढूंढना। अनुभवी लोगों की सलाह से पूरी योजना बनाकर काम करना। इसे बुद्धिमत्ता कहते हैं ।

दूसरी बात सतर्कता है — काम करते समय भी सावधान रहें। चौकन्ने होकर प्रत्येक कार्य को संपादित करें। अपने आसपास के लोगों को पहचानें। जो सज्जन सरल व्यक्ति हों, उनका सहयोग लेवें। छली कपटी दुष्ट चालाक लोगों से बचकर रहें । इसका नाम सतर्कता है।

तीसरी बात मूर्खता है — बिना सोचे समझे काम करना। उल्टे सीधे काम करना। काम बिगड़ने के बाद सोचना, कि “मैंने यह क्या किया ? ओहो ! यह तो गलती हो गई। इस प्रकार से विचार चिंतन योजना क्रिया आदि करना मूर्खता कहलाती है ।

यदि आप सुखी होकर जीना चाहते हैं, तो बुद्धिमत्ता और सतर्कता से कार्य करें। मूर्खता से बचें ।

जिस प्रकार शरीर को अच्छे प्रकार से चलाने के लिए पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार हमारे मस्तिष्क को सन्मार्ग की ओर ले जाने के लिए स्वाध्याय की आवश्यकता होती है, अच्छे ग्रंथों के अध्ययन की आवश्यकता होती है

हमें अपने समय को व्यर्थ के कामों में खराब नहीं करना चाहिए जितना हो सके वैदिक साहित्य का अध्ययन करें और अपने जीवन को सन्मार्ग की ओर लेकर जाए |

2 thoughts on “बुद्धिमता – सतर्कता और मूर्खता क्या है ?

  1. Kavita Kholiya says:

    Saty vachan

    1. admin says:

      आपकी प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद

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