वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप Veer Shiromani Maharana Pratap
₹150.00
AUTHOR: | Gaurishankar Hirachand Ojha |
SUBJECT: | Veer Shiromani Maharana Pratap |
CATEGORY: | Biography |
LANGUAGE: | Hindi |
EDITION: | 2019 |
PAGES: | 95 |
PACKING: | Hard Cover |
WEIGHT: | 230 GRMS |
वीरपुरुषों के पुरुषार्थ के प्रसंग बहुत प्रेरणादायी होते हैं। किसी जाति को सजीव रखने, अपनी उन्नति करने तथा उस पर दृढ़ रहकर सदा अग्रसर होते रहने के लिए संसार में इतिहास से बढ़कर दूसरा कोई साधन हो ही नहीं सकता है।
वीर पुरुषों के गौरवपूर्ण आदर्श चरित्रों से मनुष्य जाति एवं राष्ट्रों में एक संजीवनी शक्ति का संचार होता है। इसीलिए प्रत्येक देश अपने वीर पूर्वजों के शिक्षाप्रद और उत्साहवर्धक विस्तृत चरित्र लिखकर उनका सम्मान करते हैं। यह एक परंपरा भी है और परंपरा को जीवंत रखने का कर्तव्य भी । भारत में भी यह परंपरा बहुत काल से रही है। यहां भी पूर्वजों की थाती को पुराणों से लेकर महाकाव्यों तक भी गाया गया है।
और उसका नित्य पारायण जीवन को आदर्शों से सींचने के समान माना जाता है। हमारे यहां ऐसे कई अनुकरणीय, निस्वार्थी और आदर्श वीर हुए हैं, जिनमें वीर शिरोमणि आर्यकुल-कमल-दिवाकर महाराणा प्रतापसिंह का नाम सबसे अग्रगण्य है।
महाराणा प्रतापसिंह का आसन राजपूताने के इतिहास में ही नहीं, . बल्कि सम्पूर्ण भारतवर्ष के इतिहास में भी बहुत ऊंचा है। राजपूताने के इतिहास को इतना अधिक उज्ज्वल, आदर्श तथा महत्वपूर्ण बनाने का श्रेय उक्त महाराणा को ही है। वह स्वतंत्रता का पुजारी, अपने गौरव का रक्षक एवं आत्माभिमान और वीरता का अवतार था। प्रसिद्ध इतिहासकार पं. गौरीशंकर हीराचंद ओझा की प्रस्तुत कृति में महाराणा प्रताप के सम्बन्ध में अनेक खोजपूर्ण प्रामाणिक जानकारियां हैं
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