वेदों में सोम
Vedon Men Som

25.00

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AUTHOR: Gurudutt
SUBJECT: About Veda’s Devata
CATEGORY: Vedic Dharma
LANGUAGE: Hindi
EDITION: 2015
ISBN: N/A
PAGES: N/A
BINDING: Paper Back
WEIGHT: N/A
Description

वेद प्रथाह ज्ञान के भण्डार हैं । परन्तु मध्यकालीन भारतीय विद्वानों और उनका ही अनुकरण करते हुए पाश्चात्य एवं प्राज के विद्वानों ने मिथ्या वारणाओं के कारण अथवा स्वार्थतश वेदों के अशुद्ध ग्रथं किये हैं । परिणामस्वरूप वेदों पर से लोगों की आस्था समाप्त होने लग गई है । विज्ञ लेखक ने वेदों में ‘ सोम ‘ शब्द पर , जिसके विषय में भी काफी प्रम फैला हुआ है , प्रकाश डालने का प्रयास किया है । हमें विश्वास है कि इस पुस्तक के अध्ययन से पाठकों को वेदों के विषय में और अधिक जानने की उत्कण्ठा उत्पन्न होगी एवं प्रेरणा भी मिलेगी ।

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About Gurudutt
वैद्य गुरुदत्त, एक विज्ञान के छात्र और पेशे से वैद्य होने के बाद भी उन्होंने बीसवीं शताब्दी के एक सिद्धहस्त लेखक के रूप में अपना नाम कमाया। उन्होंने लगभग दो सौ उपन्यास, संस्मरण, जीवनचरित्र आदि लिखे थे। उनकी रचनाएं भारतीय इतिहास, धर्म, दर्शन, संस्कृति, विज्ञान, राजनीति और समाजशास्त्र के क्षेत्र में अनेक उल्लेखनीय शोध-कृतियों से भी भरी हुई थीं। तथापि, इतनी विपुल साहित्य रचनाओं के बाद भी, वैद्य गुरुदत्त को न कोई साहित्यिक अलंकरण मिला और न ही उनकी साहित्यिक रचनाओं को विचार-मंथन के लिए महत्व दिया गया। कांग्रेस, जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी के कटु आलोचक होने के कारण शासन-सत्ता ने वैद्य गुरुदत्त को निरंतर घोर उपेक्षा की। छद्म धर्मनिरपेक्ष इतिहासकारों ने भी उनको इतिहासकार ही नहीं माना। फलस्वरूप, आज भी वैद्य गुरुदत्त को जानने और पढ़ने वालों की संख्या काफी कम है
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