वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर में योग
Vastunishth Bahuvikalpiya Prasnotri Me Yog

350.00

LANGUAGE: HINDI
PAGE: 304
BINDING: PAPERBACK
BOOK CODE: 9788122506648
ISBN: 9788122506648
BOOK WRITER: DR. CHINAHARAN BETAL
SUBJECT : YOGA, UGC NTA NET YOG, NTA NET YOG

In stock

Description

भूमिका

आज समस्त विश्व में मानव मूल्यों की चेतना क्षीण एवं धूमिल होती जा रही है । वैज्ञानिक एवं तकनीकी उपलब्धियों की चकाचौंध , भौतिक सुखोपभोग की लालसा , धार्मिक साम्प्रदायिकता एवं राजसत्ता के बढ़ते प्रभाव ने मानव को प्राचीन , नैतिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों से दूर कर दिया है । ऐसी स्थिति में आज योग और आध्यात्म साधना का महत्व शिक्षा के क्षेत्र में अनुभूत हो रहा है ।

युगीन चुनौतियों को झेलने के लिए आज एक विद्यार्थी को आध्यात्म विद्या का अध्ययन आवश्यक हो गया है । आज प्राचीन प्रज्ञा – प्रसूत मूल्य आधारित ज्ञान राशि के पूर्ण जागरण द्वारा विद्यार्थी की नैतिक तथा आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने का प्रयास प्रारम्भ हो गया है । युगीन चुनौतियों तथा सांस्कृतिक संघर्ष के इस युग में जहाँ भौतिक चेतना और आध्यात्मिक चेतना के मध्य निरन्तर विरोधाभास उत्पन्न हो रहा है , वहीं नीति और अनीति , विवेक और अविवेक के मध्य संघर्ष चल रहा है तथा प्रचलित मूल्य विहीन शिक्षा व्यवस्था की शिक्षा से विद्यार्थी वर्ग दिग्भ्रमित हो रहे हैं ।

ऐसे समय में योग जैसी मूल्य आधारित आध्यात्म शिक्षा का प्रवर्तन निश्चित ही सम्पूर्ण वातावरण को आदर्शमय बनाकर स्वस्थ , शान्तिपूर्ण आदर्श समाज का निर्माण करेगा , इसमें कोई संदेह नहीं है । इसी परिप्रेक्ष में भारत के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग , नई दिल्ली द्वारा योग विषय को उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में संयोजित करना अत्यन्त प्रासंगिक है । योग शास्त्र की विस्तृत ज्ञान राशि में आध्यात्म , नैतिक , सामाजिक एवं सांस्कृतिक मूल्य , धर्म तत्व , दर्शन , जीवन शैली , यम – नियम रूपी आचार एवं मोक्ष साधना के उपायों के साथ – साथ आधुनिक युग के शरीर क्रिया विज्ञान , मनोविज्ञान , स्वास्थ्य विज्ञान चिकित्सा विज्ञान जैसे ज्ञान के आधुनिक शाखाओं से समन्वित योग विज्ञान के पाठ्यक्रम का अध्ययन न केवल बौद्धिक विकास करेगा बल्कि विद्यार्थियों में एक संगठित तथा सर्वांगपूर्ण व्यक्तित्व के विकास में सहायक होगा ।

प्रश्नोत्तर में ‘ वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय योग नामक यह पुस्तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति हेतु राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा ( NET ) के लिए प्रवर्तित पाठ्यक्रम का एक सूक्ष्म विवेचन है । इस पुस्तक में सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तरों के माध्यम से विवेचना की गयी है ।

इसके प्रथम अध्याय ‘ योग के आधार : इतिहास , योग का विकास एवं योग के भेद ‘ में योग की उत्पत्ति , ऐतिहासिक विकास , समसामयिक काल में विभिन्न महर्षियों द्वारा योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान , योग के भेद तथा विभिन्न वैदिक एवं अवैदिक दर्शनों में योगाभ्यास के तत्व आदि विषयों से सम्बन्धित बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तरों का प्रतिपादन किया गया है ।

ग्रन्थ के द्वितीय अध्याय ‘ योग के मूल ग्रन्थों प्रमुख उपनिषदों , भगवद्गीता , योग वशिष्ठ ‘ में प्राचीन दस उपनिषदों के साथ – साथ भगवद्गीता एवं योग वशिष्ठ के निर्धारित पाठ्यक्रम आधारित अनेक वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय को समावेशित किया गया है ।

तृतीय अध्याय ‘ योग के मूल ग्रन्थ : योग उपनिषद् ‘ प्रश्नोत्तरों में निर्धारित पाठ्यक्रम आधारित अनेक वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तरों को समावेशित किया गया है ।

चतुर्थ अध्याय ‘ पातंजलि योगसूत्र में पातंजलि योगसूत्र के निर्धारित पाठ्यक्रम आधारित अनेक बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तरों का समावेश किया गया है ।

ग्रन्थ के पंचम् अध्याय ‘ हठयोग के मूल ग्रन्थों में नाथ सम्प्रदाय के प्रसिद्ध ग्रन्थ सिद्धसिद्धान्तपद्धति के साथ – साथ हठयोग के प्रायोगिक ग्रंथ हठयोग प्रदीपिका , घेरण्ड संहिता , हठरत्नावली , शिव संहिता एवं हठतत्व कौमुदी जैसे हठयोग के प्रमुख ग्रंथों में वर्णित शुद्धि क्रिया , आसन , प्राणायाम , बन्ध , मुद्रा , धारणा , ध्यान , कुण्डलिनी जागरण , नादानुसंधान एवं हठ समाधि जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अनेक वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तरों का सन्निवेश किया गया है ।

ग्रंथ के षष्ठम अध्याय सहायक विज्ञान शरीर रचना एवं शरीर क्रिया विज्ञान , आहार एवं पोषण , सामान्य मनोविज्ञान एवं परामर्श नामक अध्याय में शरीर रचना एवं शरीर क्रिया विज्ञान के अतिरिक्त आहार एवं पोषण आहार के वर्गीकरण विशेषता , आहार के नियम विभिन्न प्रकार के विटामिन , खनिज पदार्थ तथा इनके स्रोत आदि के साथ – साथ मनोविज्ञान के अन्तर्गत व्यक्तित्व , मानसिक स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सूक्ष्म दृष्टि रखते हुये अनेक वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तरों का प्रतिपादन किया गया है ।

योग एवं स्वास्थ्य नामक सप्तम् अध्याय में स्वास्थ्य का अर्थ , स्वास्थ्य का विभिन्न दिशाओं के साथ – साथ रोगोत्पत्ति के कारण विभिन्न विधियों द्वारा रोगोपचार की विधि , यौगिक आहार , पथ्यापथ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर बनाये गये हैं ।

ग्रन्थ के अष्टम् अध्याय चिकित्सकीय योग – रोगानुसार एवं प्रमाण आधारित में विभिन्न प्रकार की यौगिक क्रियाओं का रोगोपचार में भूमिका तथा विभिन्न प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक रोगों के उपचार में संयुक्त , यौगिक क्रियाओं की उपयोगिता से सम्बन्धित अनेक वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तरों का संयोजन किया गया है ।

‘ योग का प्रयोग ‘ नामक नवम् अध्याय में शिक्षा के क्षेत्र में योग का प्रयोग , तनाव प्रबंधन में योग का प्रयोग तथा योग द्वारा व्यक्तित्व विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सूक्ष्म तथा विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण रखते हुये अध्याय को अनेक वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तरों से सम्पन्न किया गया है ।

दशम अध्याय प्रायोगिक योग में सूर्य नमस्कार , आसन , प्राणायाम , ध्यान , बन्ध , मुद्रा जैसे यौगिक क्रियाओं की अभ्यास विधि , लाभ एवं प्रमुख विशेषताओं को ध्यान में रखते हुये अध्याय को अनेक वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तरों से सुसज्जित किया गया है । इसी अध्याय में योग शिक्षण की विधियाँ ‘ में योग शिक्षण – प्रशिक्षण के विभिन्न विधियों , पाठ योजना , योग कक्षा की विशेषता , योग गुरु के प्रति विद्यार्थी के व्यवहार एवं योग गुरु की विशेषता आदि विषयों को वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तरों के माध्यम से वर्णित किया गया है ।

ग्रन्थ के अन्त में एक सुव्यवस्थित संदर्भ – ग्रन्थ – सूची का संयोजन करते हुये ग्रन्थ को पूर्णता प्रदान किया गया है । अन्त में कहना अनुचित नहीं होगा कि यद्यपि इस ग्रन्थ का प्रणयन योग विषय के राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा ( NET ) के पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुये किया गया है , फिर भी यह ग्रन्थ पी.एच.डी. प्रवेश परीक्षा , एम . फिल . प्रवेश परीक्षा एवं योग प्रायोगिक मौखिक परीक्षा हेतु उपयोगी है ।

Additional information
Author

Reviews (0)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर में योग
Vastunishth Bahuvikalpiya Prasnotri Me Yog”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shipping & Delivery