वैदिक साहित्य में सूक्ष्मकण तकनीकी की परिकल्पना
Nano Technology in Vedic Literature

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AUTHOR: Dr. Shiv Prakash Aggarwal
SUBJECT: वैदिक साहित्य में सूक्ष्मकण तकनीकी की परिकल्पना | Nano Technology in Vedic Literature
CATEGORY: Vedic Science
PAGES: 156
EDITION: 2024
ISBN: 9788197452284
LANGUAGE: Hindi
BINDING: Hard Cover
DIMENSIONS: 22 CM X 14 CM X 1.5 CM
WEIGHT: 290 g.
Description

पुस्तक परिचय

इस पुस्तक में एक परिकल्पना प्रस्तुत की गई है जिसमें चारों वेदों व वैदिक साहित्य में नैनो कणों का ज्ञान तथा उसकी तकनीकी के विषय में चर्चा की गई है।

इस पुस्तक को 11 अध्यायों में विभक्त किया गया है। सर्वप्रथम भूमिका में वेदों व वैदिक साहित्य का संक्षिप्त परिचय देते हुए वैदिक ज्ञान व अन्य के बीच संबन्ध स्थापित करने पर चिन्तन प्रस्तुत किया है। नैनो कणों व उनकी सूक्ष्मता को समझाने का प्रयास किया गया है। एक सेन्टीमीटर क्यूब सोने से एक नैनोमीटर परिमाप के एक करोड़ करोड़ करोड़ अर्थात् (10)21 कण बनेंगे। ब्रह्म के स्वरूप तथा आत्मा के स्वरूप पर चर्चा की गई है।

इसके पश्चात् यज्ञ, उसकी प्रक्रिया, यज्ञ में उपयोग होने वाली सामग्री, मन्त्रोच्चारण क्रिया तथा उनके द्वारा भौतिक व मनोवैज्ञानिक लाभ की चर्चा की गयी है। इसी प्रकार आयुर्वेद का विषय लिया गया है और सूक्ष्म कणों के योगदान पर चर्चा है। सूक्ष्म कणों पर आधारित आयुर्वेदिक औषधियां अधिक उपयोगी होती हैं।

वैशेषिक दर्शन तथा उसके दार्शनिक विषय में सूक्ष्म कणों के दर्शन व उनकी उपयोगिता पर चर्चा है।

इस्पात के नैनो कणों की कोटिंग से हथियारों की वजिता बढ़ती है तथा रंगों में सूक्ष्म कणों के उपयोग तथा सूक्ष्म कणों के ज्ञान के आधार पर सांस्कृतिक प्रथाओं पर चर्चा की है। सूक्ष्म कणों पर आधारित आधुनिक विज्ञान व तकनीकी पर विवेचना है और अष्टांग योग की चर्चा करते हुए उससे शरीर पर होनेवाले मनोवैज्ञानिक प्रभाव के विषय में कहा गया है। यह पुस्तक नैनो तकनीकी से सम्बन्धित विभिन्न परिकल्पनाओं एवं दर्शन का अध्ययन है जिसमें धर्म ग्रन्थों की परिकल्पनायें, समानतायें एवं सूक्ष्म प्रभाव दर्शाये गये हैं।

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Weight 290 g
Dimensions 22 × 14 × 1.5 cm
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About Dr. Shiv Prakash Aggarwal
डा० (इंजी०) शिव प्रकाश अग्रवाल जन्म-11 जुलाई सन् 1952 जन्म स्थान-इटावा, उ०प्र० प्रारम्भिक शिक्षा-इटावा तकनीकी शिक्षा-आई० आई० टी०, रुड़की से B.E.-Electrical सेवा-भारत हेबी इलैक्टिकल लिमिटेड, हरिद्वार में इंजीनियर, प्रबन्धक तथा महा प्रबन्धक आदि पदों पर वैदिक शिक्षा-सेवानिवृत्ति के बाद गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से वैदिक साहित्य में एम०ए० तथा पी-एच०डी० की उपाधि प्राप्त की। रुचि-वेदों के विषय में स्वामी दयानन्द जी के विचारानुसार वैदिक ज्ञान के नये वैज्ञानिक आयामों में व्यञ्जनात्मक व्याख्या करना रुचि है।
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