संस्कृत-शिक्षा’ की विशेषताएँ
१. इसमें भाषा-शिक्षण की नवीनतम वैज्ञानिक पद्धति अपनायी गयी है तथा अत्यन्त सरल और रोचक ढंग से संस्कृत की शिक्षा दी गयी है।
२. ‘संस्कृत-शिक्षा’ ५ भागों में पूर्ण हुई है। यह कक्षा ६ से १० तक के छात्रों के लिए विशेष उपयोगी है। प्रत्येक कक्षा के लिए एक-एक भाग है।
३. प्रत्येक भाग में प्रयत्न किया गया है कि उस स्तर से संबद्ध व्याकरण का अंश उस भाग में विशेष रूप से सिखाया जाय ।
४. अभ्यासों के द्वारा व्याकरण की शिक्षा दी गयी है।
५. प्रारम्भिक छात्रों के लिए उपयोगी सभी बातें इसमें दी गयी हैं।
६. प्रत्येक अभ्यास के लिए केवल दो पृष्ठ दिये गये हैं।
७. प्रत्येक अभ्यास में व्याकरण के एक या दो नियमों का अभ्यास कराया गया है। साथ ही आवश्यक शब्दावली भी दी गयी है।
८. उदाहरण-वाक्यों के द्वारा व्याकरण के नियमों को स्पष्ट किया गया है। उनसे मिलते-जुलते हुए ही वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कराया गया है।
६. प्रत्येक अभ्यास में कुछ विशेष शब्दों, धातुओं या प्रत्ययों आदि का अभ्यास कराया गया है।
१०. परिशिष्ट में आवश्यक शब्दों और धातुओं के रूप दिये गये हैं।
कपिलदेव द्विवेदी आचार्य
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