अद्वैत मीमांसा
Advaita Mimansa

60.00

Only 1 left in stock

Description

सम्पादकीय निवेदन चिरप्रतीक्षित ” अद्वैत मीमांसा ” अब आपके सम्मुख है । प्रस्तुत विषय जितना जटिल है उतना ही उपयोगी भी । यही कारण है कि इस विषय पर प्राचीन काल से निरन्तर विवेचनाएँ होती रही हैं । गौडपादाचार्य एवं शंकराचार्य का नाम इस प्रसंग में बहुत प्रयुक्त होता है । अनेक सुधीजन ऐसे भी हैं जो उनके वाक्यों को ‘ ब्रह्म वाक्य मानते हुए उसके इतस्तत : कुछ भी विचार करने के लिए उद्यत नहीं । आप्त पुरुषों के प्रति श्रद्धाभाव हृदयगत विषय है किन्तु मनीषि – जन बुद्धि के प्रयोग को नितरों अस्वीकार नहीं कर सकते । गौडपादाचार्य एवं शंकराचार्य की विवेचनाएँ स्वयं में ही परस्पर विरोधी होने के कारण सुविज्ञ साधकों एवं पाठकों को सर्वतोमाही नहीं हैं । मनीषि – चिन्तक श्री गुरुदत्त जी का यह प्रयास अद्वितीय है । अपने अष्ट दशाब्दों के अनुभव , अध्ययन , मनन , चिन्तन एवं अनुशीलन का जो सार उन्होंने प्रस्तुत किया है । वह प्रचलित परम्परा से परे भले ही हो किन्तु होगा नितान्त उपयोगी । आशा है पाठकगण इसका आद्योपान्त अध्ययन कर इससे लाभान्वित होंगे ।

प्रथम उपन्यास ” स्वाधीनता के पथ पर ” से ही ख्याति की सीढ़ियों पर जो चढ़ने लगे कि फिर रुके नहीं । उपन्यासों में भी शास्त्रों का निचोड़ तो मिलता ही है , रोचकता के विषय में इतना कहना ही पर्याप्त है कि उनका कोई भी उपन्यास पढ़ना आरम्भ करने पर समाप्त किये बिना छोड़ा नहीं जा सकता । विज्ञान की पृष्ठिभूमि पर वेद , उपनिषद् दर्शन इत्यादि शास्त्रों का अध्ययन आरम्भ किया तो उनको ज्ञान का अथाह सागर देख उसी में रम गये । वेद , उपनिषद् तथा दर्शन शास्त्रों की विवेचना एवं अध्ययन अत्यन्त सरल भाषा में प्रस्तुत करना गुरुदत्त की ही विशेषता है ।

Additional information
Author

Reviews (0)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “अद्वैत मीमांसा
Advaita Mimansa”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About Gurudutt
वैद्य गुरुदत्त, एक विज्ञान के छात्र और पेशे से वैद्य होने के बाद भी उन्होंने बीसवीं शताब्दी के एक सिद्धहस्त लेखक के रूप में अपना नाम कमाया। उन्होंने लगभग दो सौ उपन्यास, संस्मरण, जीवनचरित्र आदि लिखे थे। उनकी रचनाएं भारतीय इतिहास, धर्म, दर्शन, संस्कृति, विज्ञान, राजनीति और समाजशास्त्र के क्षेत्र में अनेक उल्लेखनीय शोध-कृतियों से भी भरी हुई थीं।
Shipping & Delivery