टेंशन कम करे इन आसान तरीकों से | Aarsh Sahitya

व्यक्ति के जीवन में अनेक क्षेत्रों में भार घटता बढ़ता रहता है। बहुत से लोग भार बढ़ने से परेशान हो जाते हैं। जैसे प्रायः धनवान लोग खूब खाते पीते हैं, और व्यायाम सैर आदि शारीरिक परिश्रम बहुत
कम करते हैं, जिससे उनके शरीर का भार प्रायः बढ़ जाता है।”
शरीर का भार बढ़ने से, शरीर में अनेक रोग उत्पन्न हो जाते हैं। उन रोगों का इलाज कराने के लिए वे लोग डॉक्टर चिकित्सक के पास जाते हैं। “फिर चिकित्सक लोग उन्हें अनेक उपाय बताते हैं। लंबे समय तक वे लोग उन उपायों का प्रयोग करते हैं। तब जाकर बड़ी कठिनाई से भार कम हो पाता है, और वे धीरे-धीरे सही स्थिति में आ जाते हैं।”
“शरीर का भार कम करने के लिए सबसे उत्तम उपाय है, नियमित रूप से प्रतिदिन व्यायाम करना। और भोजन में संयम रखना। समय पर खाना। अपने अनुकूल भोजन खाना। भोजन की मात्रा थोड़ी कम कर देना। ऐसा करने से शरीर का भार धीरे-धीरे कम हो जाएगा, और आप स्वस्थ हो जाएंगे।”
इसी प्रकार से व्यवहार में अनेक लोगों से बातचीत करते समय, या लेनदेन करते समय कुछ प्रतिकूलताएं उत्पन्न हो जाती हैं। “उन प्रतिकूलताओं से मन का भार बढ़ जाता है, अर्थात मन में चिंता तनाव टेंशन आदि समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। इसी को अलंकारिक भाषा में ‘मन का भार बढ़ना’ कहते हैं। यदि मन का भार बढ़ जाए अर्थात तनाव चिंता टेंशन बढ़ जाए, तो उसे दूर करने के लिए ईश्वर का ध्यान करना चाहिए।”
और जब व्यक्ति खूब धन कमाता है, तो उसके पास धन का भार भी बढ़ जाता है। वह बढ़ा हुआ भार भी परेशान करता है। वह भी अनेक समस्याओं को उत्पन्न करता है। यदि धन का भार भी हल्का हो जाए, तो व्यक्ति शांति आनंद प्रसन्नता का अनुभव करता है। धन का भार कम करने के लिए वेदों में बताया है, कि “व्यक्ति उत्तम कार्यों में धन का दान करे। उससे धन का भार कम हो जाएगा, और व्यक्ति स्वयं को तनावमुक्त, चिंतामुक्त तथा आनंदित अनुभव करेगा।”
“इस प्रकार से प्रतिदिन व्यायाम, ध्यान और दान करें, आपके तीनों भार हल्के हो जाएंगे और आप अपने जीवन को सुखपूर्वक जी सकेंगे।”
—- स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक, रोजड़ गुजरात।