“सा विद्या या विमुक्तये”
पुस्तक के विषय में महत्त्वपूर्ण तथ्य
प्रस्तुत पुस्तक “योग-सिद्धान्त संग्रह” में हमने कई बातों का ध्यान रखा जो कि आपकी सफलता को बहुत हद तक सार्थक बनाएगी एवं आप के अध्ययन को सरल भी करेगी क्योंकि जैसा कि आप जानते हैं कि योग के पाठ्यक्रम में विभिन्न भारतीय शास्त्रों, दर्शनों, उपनिषदों आदि के साथ- साथ आधुनिक, मध्यकालीन एवं प्राचीन योग से संबंधित ग्रंथों का भी समावेश है। तब मेरा यह उत्तरदायित्व बन जाता है कि मैं उन सभी शास्त्रों एवं पाठ्यक्रम के साथ न्याय कर सकूं और यह कार्य मैंने पूर्ण सत्यनिष्ठा से करने का प्रयास किया है। इस पुस्तक से सम्बन्धित अनेक विशिष्ट तथ्यों को नीचे प्रस्तुत किया गया है जिससे आपको परीक्षाओं की तैयारी में इस पुस्तक की उपयोगिता का ज्ञान हो पायेगा
प्रस्तावना एवं आभार
प्रस्तुत पुस्तक “योग-सिद्धान्त संग्रह” को आज आपके सम्मुख प्रस्तुत करते हुए हमें अति हर्ष हो रहा है क्योंकि पिछले 4 वर्षों से (लगभग जुलाई 2017 से) “योग-सिद्धान्त संग्रह” को प्रकाशित करने का प्रयास चल रहा था, परन्तु यह प्रयास ईश्वर की कृपा, गुरुजनों और माता-पिता के आशीर्वाद और शुभचिंतको की शुभकामनाओं के कारण अब जाकर फलीभूत हुआ। इस देरी के कई मुख्य कारण रहे। पहला, योग का पाठ्यक्रम इतना व्यापक है कि इसके गुणवत्तापूर्ण अध्यापन के लिए एक व्यापक अध्ययन एवं दृष्टिकोण की आवश्यकता है। द्वितीय, निरन्तर परिवर्तित होते पाठ्यक्रम एवं परीक्षा का प्रारूप और प्रश्नों की गुणवत्ता के कारण पुस्तक को सतत परिमार्जित करने में समय का लगना। तृतीय यह है कि मेरी व्यक्तिगत व्यस्तता जिसमे कणाद अकैडमी में अध्यापन एवं अपना उच्च शिक्षण कार्य का अधययन इत्यादि सदैव कुछ न कुछ बाधा प्रस्तुत करता रहा।
सबसे मुख्य कारण यह रहा कि मैं इस पुस्तक को पाठकगण के अध्ययन के अनुकूलतम बनाना चाह रहा था जिससे उनको अल्प प्रयास में ही अपना लक्ष्य प्राप्त हो सके। यह सर्वोत्तम देने का इच्छा ही सदैव मुझसे पुस्तक में कुछ न कुछ परिवर्तन कराती रही एवं इन्हीं सब कारणों से यह पुस्तक वर्ष-प्रतिवर्ष प्रकाशित होने से टलती गई, जिसका मुझे अति खेद है। परन्तु हाल के वर्षो में NTA NET-JRF YOG की परीक्षा में सफल हुए विद्यार्थियों के अनुरोध और अभिप्रेरण तथा मेरे जिम्मेदारियों में सहयोग के कारण एवं वर्तमान में हुए लोक डाउन से मिले समय का सदुपयोग करते हुए, प्रस्तुत पुस्तक को अंतिम रूप दिया जाना संभव हो सका।
ईश्वर की महती कृपा और पूजनीय आचार्य सत्यजित् जी और पूजनीय आचार्य प्रद्युम्न जी इत्यादि गुरुजनों तथा माता-पिता के आशीर्वाद से ही हम इस कार्य को निर्बाध रूप से पूरा कर सके तदर्थ मैं उनका चरणवन्दन करते हुए हृदय से आभार प्रकट करता हूँ। पश्चात् मैं आचार्य गौरव जी, आचार्य रामचन्द्र जी, आचार्य रविकान्त जी और आचार्या श्रुति का धन्यवाद करता हूँ
जिनके बहुमूल्य सहयोग व अथक प्रयास से ही यह कार्य पूरा हो पाया, उनके सहयोग के बिना यह कार्य सम्भव नहीं था। और भी, इस पुस्तक के कार्य को पूर्ण करने में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जिन्होंने सहयोग किया है उन सभी का भी मैं हृदय से आभार प्रकट करता हूँ । पुस्तक को प्रकाशित करने से पूर्व इसका अनेक बार अध्ययन एवं पठन-पाठन किया गया है पुनरपि यह सदैव ही संभावना है कि हमारे अज्ञान के कारण कुछ व्याकरणीय या मुद्रण संबंधित त्रुटियाँ हो सकती है। कणाद अकैडमी की टीम आपसे अपेक्षा करती है कि आप उक्त त्रुटियों के प्रति हमारा ध्यान आकर्षित करें, जिससे कि भविष्य में हम उन्हें सुधार कर पुनः एक त्रुटि-रहित प्रकाशन आपके सम्मुख प्रस्तुत कर सके। अन्ततोगत्वा हम सबका प्रयास यही है कि यह पुस्तक आप सभी के लक्ष्य की प्राप्ति में मील का पत्थर साबित हो।
DEEPAK KUMAR –
BEST YOG BOOK
Anju –
Best book ever….प्रत्येक unit को बड़े अच्छे से, authentically प्रस्तुत किया है।
Arpita singh –
Excellent