योगशत-वैद्यवल्लभा
Yog Shat Vaidhvallbha

400.00

AUTHOR: Acharya Balkrishna (आचार्य बालकृष्ण)
SUBJECT: योगशत-वैद्यवल्लभा | Yog Shat Vaidhvallbha
CATEGORY: Ayurveda
LANGUAGE: Sanaskrit – Hindi
EDITION: 2016
PAGES: 480
ISBN: 9789352357888
PACKING: Hard Cover
WEIGHT: 710 g.
Description

।। इदं नम ऋषिभ्यः पूर्वजेभ्यः पूर्वेभ्यः पथिकृद्भ्यः ।।

भूमिका

आचार्य अमितप्रभ (७वीं शती ई.) द्वारा रचित ‘योगशत’ आयुर्वेद की सुप्रसिद्ध एवं अत्यन्त लोकप्रिय रचनाओं में अन्यतम है। अगाध आयुर्वेद-सागर के मन्थन से प्राप्त अमृत को योगशत रूपी कलश में ग्रन्थकार ने बड़ी कुशलता से समाहित कर दिया है। इस प्रकार सौ श्लोकों में आयुर्वेद का सार समाहित करने का चमत्कारी प्रयास इस पुन्ध के रूप में देखने को मिलता है। वस्तुतः ऐसी रचना के लिए ही गागर में सागर भरने की कहावत चरितार्थ होती है।

सरल, संक्षिप्त एवं सारपूर्ण होने से यह रचना सम्पूर्ण भारतवर्ष में अत्यन्त लोकप्रिय हो गई थी। ‘योगचिन्तामणि’ के रचयिता ‘हर्षकीर्ति’ ने अपने ग्रन्थ के लिए कामना की है कि मेरा ग्रन्थ योगशत के समान लोकप्रिय बने। इससे वैद्यों में योगशत की अतुलनीय लोकप्रियता सूचित होती है। कश्मीर से केरल तक सम्पूर्ण भारतवर्ष में इसकी हस्तलिखित प्रतियों का मिलना तथा इस पर अनेक टीकाओं का उपलब्ध होना भी इसकी विशिष्ट लोकप्रियता का सूचक है।

योगशत के इस अपरिमित गौरव के कारण ही वृन्दमाधव, चन्द्रट, चक्रपाणिदत्त, निश्चलकर आदि ने इसे बहुमान पूर्वक अपने ग्रन्थों में उद्धृत किया है।

‘योगशत’ के रचयिता आचार्य अमितप्रभ आयुर्वेद के मर्मज्ञ विद्वान् एवं अनुभवी चिकित्सक थे। उन्होंने ‘चरकन्यास’ और ‘चिकित्सातिशय’ नामक आयुर्वेदीय ग्रन्थ भी रचे थे, परन्तु अब तक उनमें से ‘योगशत’ ही उपलब्ध हो पाया है।

Additional information
Weight 710 g
Author

Language

,

Reviews (0)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “योगशत-वैद्यवल्लभा
Yog Shat Vaidhvallbha”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shipping & Delivery