वेदों में पुनरुक्ति दोष नहीं
Vedon Mein Punrukti Dosh Nahin

150.00

 

AUTHOR: Jagdev Singh Siddhant, Ramnath Vedalankar
SUBJECT: वेदों में पुनरुक्ति दोष नहीं | Vedon Mein Punrukti Dosh Nahin
CATEGORY: Research
LANGUAGE: Hindi
EDITION: 2018
PAGES: 216
BINDING: Paper Back
WEIGHT: 240 GM
Description

दो शब्द

“वेदमन्त्रों में पुनरुक्ति दोष नहीं हैं,” इस गहन विषय को स्पष्ट करने के लिए हमारी प्रार्थना पर आर्य जगत् के पूजनीय विद्वानों ने बड़े परिश्रम से अपने-अपने लेख भेजे हैं। हम इनके प्रति शिर झुकाकर आदर प्रकट करते हैं। एक ही विषय पर भिन्न- भिन्न लेखकों की अपनी-अपनी विचार-सरणि आर्यमर्यादा के प्रेमी स्वाध्यायशील पाठक पढ़ें। एक ही समस्या को सुलझाने के लिए शास्त्रीय प्रमाणों का दोहराया जाना आश्चर्यजनक नहीं है।

परन्तु उन प्रमाणों की अपने-अपने ढंग से व्याख्या करना प्रत्येक लेखक की अपनी-अपनी विशेषता है। हमें पूर्ण आशा है कि इस शैली को ध्यान में रखकर पढ़ने पर पाठक महानुभावों के ज्ञान में आवश्यक वृद्धि होगी और वेद में पुनरुक्ति की गुत्थी को सुलझाने में उनके हृदय में वह प्रकाश फैलेगा जिस के लिए यह ग्रन्थ प्रकाशित किया गया है।

हम पुनः श्रद्धेय लेखक महानुभावों का हृदय से आभार मानते हुए उनकी उत्तम कृति पाठक बन्धुओं के सम्मुख प्रस्तुत करते हैं।

– जगदेवसिंह सिद्धान्ती शास्त्री

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