वैदिक संस्कृति का सन्देश
जिस बिन्दु पर जीवन-यात्रा के अनेक मार्ग फूटते हैं, वहाँ से मैं किधर जाऊँ ? कौनसा रास्ता सही है, ये प्रश्न प्रत्येक युवक और युवती के हृदय में किसी-न-किसी समय उठते हैं। वैदिक संस्कृति, भोगवाद तथा त्यागवाद पर समन्वयात्मक दृष्टि प्रस्तुत करते हुए सही पथ प्रदर्शित करती है, जिसे विद्वान लेखक ने सर्व-साधारण तक पहुँचाने के लिए यह अनुपम ग्रन्थ लिखा।
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