स्वास्थ्य मनुष्य की अमूल्य निधि है
जिसके आधार पर मनुष्य जीवन के सभी उद्देश्यों को परिपूर्ण करने के लिए कर्म करता है ।
सांसारिक मनुष्य सदैव सुख की कामना करता है तथा सुख की उपलब्धता बिना समग्र स्वास्थ्य के सम्भव नहीं ।
अतः कहावत है- ‘ पहला सुख निरोगी काया ‘ ।
निरोगी शरीर की प्राप्ति हेतु मनुष्य स्वास्थ्य संरक्षण व स्वास्थ्य सम्वर्धन सम्बन्धी कर्मों के प्रति लालायित रहता है तथा उसकी यह भी इच्छा होती है कि व्याधि उत्पन्न होने पर उसका समयानुसार निराकरण किया जा सके
यह तभी सम्भव है जब एक सामान्य व्यक्ति को स्वास्थ्य और व्याधि के आधारभूत विषयों की जानकारी जैसे
अर्थ , परिभाषा , स्वास्थ्य के निर्धारक तत्त्व , व्याधियों का वर्गीकरण , कारणीय , उपचारीय तत्त्वों का समुचित ज्ञान हो
इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति को ध्यान रखते हुए इस पुस्तक की संरचना की गई है ।
जिसके अन्तर्गत स्वास्थ्य के आधारभूत तत्त्व , व्याधि एवं चिकित्सा के आधारभूत पहलू
सामान्य रूप से आधुनिक जीवन में पायी जाने वाली विभिन्न व्याधियों के कारण , लक्षण तथा सिद्धान्त आधारित यौगिक उपचार की चर्चा की गयी है ।
इस ज्ञान को प्राप्त करके विद्यार्थी , सामान्य – जन व योग – चिकित्सक अपने स्वास्थ्य का संरक्षण व संवर्धन व सामान्य जीवन की व्याधियों की यौगिक चिकित्सा कर सकेंगे तथा इस ज्ञान का समाज में समुचित प्रचार – प्रसार कर सकेंगे ।
प्रस्तुतिकरण की सरलता हेतु पुस्तक को पाँच खण्डों में विभाजित कर छब्बीस अध्यायों के माध्यम से वर्णित किया गया है ।
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