भूमिका
हमारे ऋषियों-महर्षियों द्वारा अन्वेषित ‘आयुर्वेद’ चिकित्सा की एक मात्र पद्धति है, जिसमें पूर्णतया स्वस्थ जीवन का चिन्तन किया गया है। यदि आयुर्वेद में लिखित जीवनशैली, खान-पान एवं आचार व्यवहार को अपने जीवन में आत्मसात् कर उसपर अमल किया जाए, तो निश्चित तौर पर निरोग एवं स्वस्थ शतायु जीवन प्राप्त किया जा सकता है। हमारे वैज्ञानिक ऋषियों-मुनियों ने चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, भेल सहिता, काश्यप संहिता जैसे ग्रन्थ भारतवासियों को दिये। इन ग्रन्थों को विश्व के अनेक देशों ने मान्यता दी है तथा अपनी-अपनी भाषा में अनुवाद करवाया है। अतः आयुर्वेद का लाभ विश्व के देशों को मिल रहा है।
विगत् कुछ दशकों में आयुर्वेद के शोध और प्रसार को जो गति मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिल पायी। इसके बावजूद आयुर्वेद को अपनाने के प्रति लोगों का उत्साह कभी कम नहीं हुआ।
मुझे वैद्य श्री शिव कुमार मिश्र द्वारा लिखित पुस्तक ‘संपूर्ण स्वास्थ्य’ की पाण्डुलिपि पढ़ने का अवसर मिला। श्री मिश्र ने विस्तार और सरल रूप में रोग प्रतिरक्षण, रोग उन्मूलन एवं रोकथाम सम्बन्धी कार्यों का इस पुस्तक में विस्तार से उल्लेख किया है, जिसका लाभ आयुर्वेद चिकित्सकों के साथ-साथ आम जनता को भी मिलेगा, ऐसा मेरा विश्वास है।
श्री मिश्र द्वारा भारत सरकार को लम्बी अवधि तक अपनी सेवा प्रदान की गयी तथा आयुर्वेद सलाहकार पद से सेवानिवृत होने के उपरांत भी आयुर्वेद के संवर्द्धन एवं लोगों की सेवा कर रहे हैं। मैं जब दिल्ली सरकार एवं भारत सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री था तो उस दौरान इन्होंने आयुर्वेद के विकास की दिशा में अनेक सुझाव दिये। आयुर्वेद के प्रति इनका चिन्तन और कार्य दोनों ही सराहनीय है।
‘सम्पूर्ण स्वास्थ्य’ नामक पुस्तक के लेखन के लिए में वैद्य श्री शिव कुमार मिश्र को बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ तथा यह पुस्तक आयुर्वेद चिकित्सकों एवं आम जन के मध्य एक प्रतिष्ठित स्थान अर्जित करे, ऐसी ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ
विषय-सूची | ||
प्रथम खण्ड (स्वास्थ्य रक्षा) | ||
1. | सृष्टि और मानव | 17-25 |
2. | मानवीय ईच्छायें | 26-30 |
3. | स्वस्थ दीर्घजीवन के उपाय | 31-47 |
4. | प्रकृति या स्वभाव | 48-59 |
5. | दिनचर्या | 60-68 |
6. | रात्रिचर्या | 69-73 |
7. | ऋतुचर्या | 74-78 |
8. | आहार | 79-114 |
9. | निद्रा | 115-119 |
10. | ब्रह्मचर्य | 120-125 |
11. | सवृत | 126-140 |
12. | सामाजिक स्वास्थ्य | 141-142 |
द्वितीय खण्ड (औषधि आरोग्य) | ||
13. | पंचकर्म | 143-152 |
14. | प्राकृतिक चिकित्सा | 153-165 |
15. | योग-विद्या | 166-208 |
तृतीय खण्ड (रोग निवारण) | ||
16. | रोग प्रतिरक्षण (व्याधिक्षमत्व) | 209-223 |
17. | रोग उन्मूलन एवं रोकथाम | 224-249 |
18. | स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत | 250-257 |
19. | तात्कालिक उपचार | 258-267 |
20. | घरेलू उपचार | 268-278 |
21. | सामान्य रोगों की सरल आयुर्वेद-चिकित्सा | 279-298 |
22. | सन्दर्भ ग्रन्थ सूची | 299-300 |
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