सफल जीवन के विषय में मतभेद हो सकता है । आर्थिक सम्पन्नता भी सफल जीवन का लक्षण सम्भव है और मानसिक तथा आत्मिक निर्मलता भी इसका लक्षण कही जा सकती है । यह भी कहा जाता है कि आर्थिक सम्पन्नता से दूसरी बातें भी सम्भव हैं ।
अतः इस विषय को न छूते हुए सफल जीवन की ओर बढ़ने के पगों पर ही इस पुस्तक को लिखने का यत्न किया गया है । जीवन की सफलता , आर्थिक , मानसिक अथवा आत्मिक कुछ भी हो , उसको प्राप्त करने के लिए मार्ग एक ही है । इस ओर जाने के लिए प्रथम चरण है अपने ध्येय में दृढ़ निष्ठा ।
निष्ठाहीन व्यक्ति पथ में छोटी – सी भी बाधा उपस्थित होने पर विचलित होकर चलना छोड़ देता है । सब महापुरुष लगन के द्वारा महानता प्राप्त कर सके हैं ।
लगन है निष्ठा का दूसरा नाम है लगन अर्थात् सिद्धि प्राप्त करने के लिए सतत प्रयत्न , सफलता के लिए अत्यावश्यक होता हुआ भी ऐसा नहीं है कि सिद्धि दिला ही देगा । इसके लिए जिस पर चरण उठाए जाएँ , पथ भी उचित ही होना चाहिए । मिथ्या मार्ग पर चलनेवाला निष्ठावान व्यक्ति लक्ष्य से दूर हो जाएगा । एक परिश्रम करनेवाला व्यक्ति चोरी , ठगी , धोखा तथा झूठ बोलकर भी तो परिश्रम करता है । अतः परिश्रम करने में लगन भी , परिश्रम की दिशा मिथ्या होने पर , ध्येय तक पहुँचाने में सफल नहीं हो सकती । मार्ग उचित दिशा का ही होना चाहिए ।
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