प्राणायाम रहस्य
Pranayam Rahasya

150.00

AUTHOR: Swami Ramdev (स्वामी रामदेव)
SUBJECT: Pranayam Rahasya | प्राणायाम रहस्य
CATEGORY: Yoga Book
LANGUAGE: Hindi
EDITION: 2017
ISBN: 9788175254848
PAGES: 124
BINDING: Paper Back
WEIGHT: 184 g.
Description

Pranayam Rahasya Swami Ramdev

प्राणायाम रहस्य स्वामी रामदेव

Patanjali book Pranayam Rahasya

पतंजलि पुस्तक प्राणायाम रहस्य

Swami Ramdev book Pranayam Rahasya

स्वामी रामदेव पुस्तक प्राणायाम रहस्य

Aacharya Balkrishna book Pranayam Rahasya

आचार्य बालकृष्ण पुस्तक प्राणायाम रहस्य

Divya Prakashan book Pranayam Rahasya

Patanjali Publication book Pranayam Rahasya

प्रकाशकीय

धर्मार्थकाममोक्षाणामारोग्यं मूलमुत्तमम् । रोगास्तस्यापहर्तारः श्रेयसो जीवितस्य च ॥
(चरक सूत्रस्थान 1.15)

धर्म का अनुष्ठान, अर्थोपार्जन, दिव्यकामना (शिव-संकल्प) से सन्तति-उत्पत्ति तथा मोक्ष की सिद्धि इन चतुर्विध पुरुषार्थों को सिद्ध करने के लिए सर्वतोभावेन स्वस्थ होना परम आवश्यक है। जहाँ शरीर रोग-ग्रस्त है, वहाँ सुख, शान्ति एवं आनन्द कहाँ? भले ही धन, वैभव, ऐश्वर्य, इष्ट-कुटुम्ब तथा नाम, यश आदि सब कुछ प्राप्त हो, फिर भी यदि शरीर में रक्त संचार ठीक से नहीं होता, अंग-प्रत्यंग सुदृढ नहीं एवं स्नायुओं में बल नहीं, वह मानव शरीर मुर्दा ही कहा जायेगा। मानव-जीवन में निरोग देह और स्वस्थ मन प्राप्त करने के लिए आयुर्वेद का प्रादुर्भाव हुआ था, जो आज भी अतीव उपयोगी है। शरीर के आन्तरिक मलों एवं दोषों को दूर करने तथा अन्तःकरण की शुद्धि करके समाधि द्वारा पूर्णानन्द की प्राप्ति हेतु ऋषि, मुनि तथा सिद्ध योगियों ने यौगिक प्रक्रिया का आविष्कार किया है।

योग-प्रक्रियाओं के अन्तर्गत प्राणायाम का एक अतिविशिष्ट महत्त्व है। पतंजलि ऋषि ने मनुष्य-मात्र के कल्याण हेतु अष्टांग योग का विधान किया है। उनमें यम, नियम और आसन बहिरंग योग के अन्तर्गत हैं, जो शरीर और मन को शुद्ध करने में सहायक हैं।

धारणा, ध्यान और समाधि अन्तरंग योग के अन्तर्गत हैं, जो आत्मोत्थान एवं कैवल्यानन्द की प्राप्ति के साधन हैं। प्राणायाम अन्तरंग एवं बहिरंग योग के बीच सेतु का कार्य करता है। यदि शरीर को स्वस्थ एवं रोगमुक्त करना हो या मन को पवित्र या आत्मा को निर्मल करना हो, तो वह प्राणायाम से ही सम्भव है। प्राणायाम के द्वारा वृत्ति-निरोध करके और आत्मस्थ होकर ही साधक जीवन्मुक्ति प्राप्त कर सकता है।

दिव्य योग मन्दिर ट्रस्ट, कनखल एवं पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार के संस्थापक अध्यक्ष योगऋषि श्रद्धेय स्वामी रामदेवजी महाराज के सान्निध्य में लाखों साधक प्रतिवर्ष प्राणायाम, ध्यानादि योग की विशिष्ट प्रक्रियाओं का क्रियात्मक प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए तन के रोगों एवं मन के दोषों से मुक्ति पा रहे हैं।

श्रद्धेय आचार्य श्री प्रद्युम्न जी महाराज, आर्ष गुरुकुल, खानपुर, समादरणीय डा० विजयपाल ‘प्रचेताः’, जयपुर, सम्माननीय आचार्य सत्यजित् जी, अजमेर, डा० जवाहर पाल, नारनौल, साईं प्रिंटिंग प्रेस फरीदाबाद के यशस्वी चेयरमैन श्री वी० आर० राघवन के सम्पूर्ण सहयोग एवं उपयुक्त परामशों से पुस्तक का यह सुन्दरतम स्वरूप उभरकर आया है, इसके लिए समस्त विद्वद्गणों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता प्रकट करता हूँ।

हम आशा करते हैं कि सुधी पाठकों को वैज्ञानिक पृष्ठभूमि के साथ पुस्तक का यह नवीनतम संस्करण बहुत ही रुचिकर प्रतीत होगा।

आचार्य बालकृष्ण

Pranayama is not just a yogic technique for attaining good health but also an effective treatment to many chronic diseases as well. This book explains the method of pranayama, guidelines for meditation and benefits of pranayama. It also includes the description about Prana and it beautifully explains the meaning of Prana, its types and its importance. Moreover, this book enlightens us about the five sheaths (PANCAKOSA) located in our body and also shows mechanical analysis of yogic procedures. Pranayama Rahasya reveals the self-tried truth of Pranayama and abdominal breathing. It explains complete eight Pranayama and other breathing exercises useful for treating diseases. This book is the answer to all the queries in the mind of people related to Pranayama.

Additional information
Weight 184 g
Dimensions 21 × 13.5 × 1 cm
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