एक वाक्य में समाधान
मनुष्य जीवन अनमोल है! बार-बार के जन्म-मरण के चक्कर से बचना है तो मनुष्य को चाहिए कि वह आर्ष ग्रन्थों का स्वाध्याय करे, धर्म-कर्म के बारे में जाने, तदानुसार अपना जीवन संवारे और मनुष्य योनि के लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करे।
मनुष्य को कम से कम अपने ‘मनुष्य धर्म’ के बारे में कुछ आवश्यक प्राथमिक ज्ञान तो होना ही चाहिए, यह सब कम से कम शब्दों में, कम समय में जानना चाहते हैं तो यह छोटी सी पुस्तक आपके हाथों में है। उन लोगों के लिए अत्यन्त उपयोगी है जो बड़ी-बड़ी पुस्तकें पढ़ना नहीं चाहते हैं या जिनके पास समय की कमी है और जो अपने प्रश्नों का संक्षिप्त में उत्तरं चाहते हैं, गूढ़ बातों को सरल और सटीक भाषा में जानने की इच्छा रखते हैं।
स्वाध्यायशील पाठकवृन्द, लेखक के इस प्रयास को अपने घरों तथा मित्रों के यहाँ भी अवश्य पहुँचाने का कष्ट करें क्योंकि वैदिक धर्म का प्रचार-प्रसार करना सब आर्यों का परम धर्म है।
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