बोध कथाएँ
Bodh Kathayen

150.00

  • By :Ashok Kaushik
  • Subject :Motivational Stories
  • Binding :Paperback
Description

पुस्तक का नाम – बोध कथाएँ
लेखक का नाम – अशोक कौशिक

यह कथा – संकलन मुख्यता उपनिषद्, वाल्मीकि रामायण और महाभारत की प्रेरक, ज्ञानवर्द्धक और बोधमय घटनाचक्रों से गुंथा गया है। इस प्रकार की प्रेरक कथाएँ वर्तमानकाल में, जिसे आधुनिक काल कहें या उससे भी परे उत्तर आधुनिक काल कहें, बड़ी ही उपयोगी हैं। इस उत्तर – आधुनिक काल में हमारा मानव समाज अपनी जड़ों से अलग सा हो गया है। आधुनिकता के प्रवाह में वह अंधाधुंध बहता चला गया है। उसे बोध ही नहीं कि वह उस देश का वासी है जिसे प्राचीन काल में ही नहीं, अपितु आज भी जगद् गुरु के नाम से जाना जाता है। वही आज पतनावस्था की ओर निरन्तर अग्रसर है। नैतिकता का उसमें नितान्त ह्वास हो गया है।

वर्तमान संचार माध्यम ने हम भारतवासियों पर इतना विपरीत प्रभाव डाल दिया है कि हमारी विवेक बुद्धि नष्ट सी हो गई है। कर्तव्याकर्तव्य के बोध का लोप होता जा रहा है। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने आज से लगभग 40-50 वर्ष पूर्व ही चेतावनी देते हुए कहा था –
“हम क्या थे, क्या हो गए और होंगे अभी।
आओ विचारें, मिलकर समस्याएँ सभी।।”

उनका यह कथन आज अक्षरशः सत्य सिद्ध हो रहा है। किन्तु मिलकर विचार करने के लिए कोई तत्पर नहीं है। किसी को अवकाश ही नहीं है कि इस विषय में सोचें, विचार करें।

ऐसी विषम स्थिति में इस प्रकार के उद्बोधक, प्रेरक और ज्ञानवर्द्धक साहित्य की नितान्त आवश्यकता को अनुभव करते हुए हम इस ओर प्रवृत्त हुए हैं किन्तु इसके लिए दूसरा पक्ष अर्थात् पाठक – वर्ग भी उद्यत हो, तभी समस्या सुलझ सकती है।

यदि आप अपने कुछ क्षण इस प्रकार के साहित्य को पढ़ने के लिए निकाल सकें तो इससे हम सभी को लाभ होगा तथा भावी पीढ़ी भी कदाचित् अपने कर्तव्यों को पहचानने के लिए आगे बढे़गी।

Additional information
Author

Language

Reviews (0)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “बोध कथाएँ
Bodh Kathayen”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shipping & Delivery