वैद्य गुरुदत्त, एक विज्ञान के छात्र और पेशे से वैद्य होने के बाद भी उन्होंने बीसवीं शताब्दी के एक सिद्धहस्त लेखक के रूप में अपना नाम कमाया। उन्होंने लगभग दो सौ उपन्यास, संस्मरण, जीवनचरित्र आदि लिखे थे। उनकी रचनाएं भारतीय इतिहास, धर्म, दर्शन, संस्कृति, विज्ञान, राजनीति और समाजशास्त्र के क्षेत्र में अनेक उल्लेखनीय शोध-कृतियों से भी भरी हुई थीं।

तथापि, इतनी विपुल साहित्य रचनाओं के बाद भी, वैद्य गुरुदत्त को न कोई साहित्यिक अलंकरण मिला और न ही उनकी साहित्यिक रचनाओं को विचार-मंथन के लिए महत्व दिया गया। कांग्रेस, जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी के कटु आलोचक होने के कारण शासन-सत्ता ने वैद्य गुरुदत्त को निरंतर घोर उपेक्षा की। छद्म धर्मनिरपेक्ष इतिहासकारों ने भी उनको इतिहासकार ही नहीं माना। फलस्वरूप, आज भी वैद्य गुरुदत्त को जानने और पढ़ने वालों की संख्या काफी कम है

विश्वासघात
Vishwasghat

300.00

मै हिन्दू हूँ
Main HIndu Hun

60.00

वेदों में इंद्र
Vedon men Indra

70.00

धर्मवीर हकीकतराय
Dharmavir Hakikatrai

50.00

वेद मन्त्रों के देवता
Ved Mantron Ke Devata

100.00

सदा वत्सले मातृभूमे
Sada Vatsale Matrabhume

100.00

श्रीराम
Shriram

60.00

सृष्टि रचना
Srishti Rachana

80.00

वेद और वैदिक काल
Ved Aur Vedic Kaal

100.00

देश की हत्या
Desh Ki Hatya

200.00

इतिहास में भारतीय परंपरा
Itihas Mein Bhartiy Parampara

150.00

भारतवर्ष का संक्षिप्त इतिहास
Bharatvarsha Ka Sankshipta Itihas

200.00

दो लहरों की टक्कर
Do Lehron Ki Takkar

1,200.00

ईश-केन-कठ उपनिषद्
Isha-Ken-Kath Upanishad

100.00

महाभारत
Mahabharat

80.00

स्वाधीनता के पथ पर
Swadhinta Ke Path Per

150.00

सफलता के चरण
Safalta Ke Charan

100.00

गंगा की धारा
Ganga ki Dhara Gurudutt

600.00

न्याय दर्शन गुरुदत्त
Nyay Darshan Gurudutt

300.00

मुण्डक माण्डूक्य उपनिषद्
Mundak Mandookya Upanishad

100.00

अद्वैत मीमांसा
Advaita Mimansa

60.00

साइंस और वेद
Science Aur Ved

60.00

श्रीमद्भग्वदगीता (गुरूदत्त)
Shrimadbhagwadgita (Gurudutt)

500.00

वेद प्रवेशिका
Ved Praveshika

80.00