विचार-क्रान्ति
Vichar Kranti

151.00

  • By :Acharya Balkrishan
  • Subject :Vichar Kranti
  • Edition :2016
  • ISBN# :9789385721045
  • Binding :Paperback

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Description

वर्तमान समय विश्व-परिदृश्य में महापरिवर्तन का समय हैं l सर्वत्र परिवर्तन और रूपांतरण की धारा बह रही है धर्मं, दर्शन, संस्कृति,अध्यात्म हो या राजनीती या अर्थव्यवस्था का क्षेत्र हो, आज सर्वत्र नवचेतना का उद्भव हो रहा हैं क्रांति का ज्वालामुखी प्रस्फुटित हो रहा हैं परिवर्तन की इस विशिष्ट वेला में आज प्रत्येक व्यक्ति समाज राष्ट्र और मानवता के लिए समग्ररूप से सचेष्ट, जाग्रत और क्रांतिधर्मा हो रहा है इस संद्क्रमण काल में आत्मक्रांति, राष्ट्रक्रांति और युगक्रांति के लिए एक सशक्त नागरिक बनने का सौभाग्य प्रत्येक व्यक्ति को प्रदान करने हेतु पतंजलि योगपीठ संकलिप्त और समर्पित हैं

सृष्टि के प्रारंभ से इस धरती पर ऋषि-मुनियों की परंपरा चली आ रही है हमारे पूर्वज महान ऋषि, तत्वदर्शी, वैज्ञानिक, दार्शनिक तथा क्रान्तदर्शी थे l वे तपश्चार्यपूर्वक सादगीपूर्ण, अनुशासित एवं संयमित जीवन व्यतीत करते थे वे लोग यज्ञमय जीवन जीते हुए अनासक्त भाव से शाश्वत ज्ञान-विज्ञान का प्रचार-प्रसार करने तथा धर्मं, नीति और सत्पुरुषों की रक्षा में अहर्निश तल्लीन रहते थे यज्ञीय भावना और तपस्या द्वारा स्वयं को श्रेष्ठ मार्ग पर चलाकर, वाणी को उत्तम बनाकर, देशवासियों को भी पथप्रदर्शित करते थे पुरातन ऋषि मुनि, योगी, आचार्य, सन्त व तपस्वी हमारी सर्वप्राचीन संस्कृति के कर्णधार हैं श्रेष्ठतम विभूति हैं ऋषियों के चार और अनुभव सृष्टि के उद्भव काल से ही मानव मात्र को प्रेरणा और मार्गदर्शन देते आ रहे हैं

योग अध्यात्म, आयुर्वेद व् दर्शन जैसी मूल्यवान सम्पदाएँ हिमाचल की कन्दराओं में उद्भुत हुई ऋषि-संस्कृति की अमूल्य निधि हैं ऐसी परम महत्त्वपूर्ण संस्कृति-सम्पदा की ओर पूरा विश्व आकर्षित और लालायित हो रहा हैं विश्व के किसी भी कोने में रहने वाला कोई भी व्यक्ति हो, समाज या राष्ट्र हो, इस महत्त्वपूर्ण सम्पदा की छाया में आश्रय लेने के लिए आतुर और व्यग्र हो रहा हैं सत्यदृष्टा, तत्त्वदर्शी एवं युगवैज्ञानिक ऋषि-मुनियों के द्वारा दिए गए ज्ञान-विज्ञान के जीवनदायी रहस्य को जानने की अनुसरण करने की जिज्ञासा आज सभी में दिखाई पड़ती हैं यह न केवल किसी देश-विशेष के लिए, अपितु सम्पूर्ण विश्व वसुधा के लिए बड़े सौभाग्य और गर्व की बात हैं

अपने गौरवशाली अतीत को स्मरण करते हुए प्रत्येक व्यक्ति विश्व-कल्याणकारिणी अनमोल वैदिक-सनातन ऋषि संस्कृति का अनुयायी बने, ऐसी उदात्त भावना को लेकर सर्वतोमहती, परम पवित्र, युगसापेक्ष, युगानुकुल ऋषिपरम्परा की पुनः प्रतिष्ठ्पना वर्तमान समय में योगर्शी श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी महाराज के अथक एवं अखंड पुरुषार्थ से हो रही हैं सनातन संस्कृति के प्रत्येक प्रेमी के लिए यह बड़े गर्व की बात है कि पूज्य महाराजश्री तथा अनेकशः प्राचीन एवं अर्वाचीन महापुरुषों के प्रचण्ड पराक्रम एवं पुरुषार्थ से वैदिक सनातन ऋषि संस्कृति की धरोहर योग, अध्यात्म व आयुर्वेदादि आज सभी जगह फलीभूत हो रहे हैं विश्वभर में विचार क्रांति का सूर्योदय हो चूका है विचार क्रांति का यही प्रयोजन है कि ऐसे देश देशांतर, द्वीप-द्वीपांतर की दैशिक सीमाओं का अतिक्रमण करते हुए, लांघते हुए पुरे विश्व को प्रद्योतित कर सकें, प्रकाशित कर सकें

विश्व के प्रत्येक देश के गाँव-गाँव और कोने-कोने में योग का प्रकाश विचार क्रांति का सन्देश लेकर द्रुततम गति से पहुँच रहा है परम सौभाग्य की बात है कि गाँव गाँव, शहर शहर एवं घर घर में विचार-क्रांति का साधनभूत योग का दीपक प्रज्वलित हो रहा है

Additional information
Weight 170 g
Dimensions 19.7 × 13 cm
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