दो लहरों की टक्कर
Do Lehron Ki Takkar

1,200.00

AUTHOR: Guruatt
SUBJECT: Do Lehron Ki Takkar
CATEGORY: Historical Novel
PUBLISHER: HINDI SAHITYA SADAN
LANGUAGE: Hindi
VOLUME: 2 Parts
Description

भारतवर्ष में विशाल हिन्दू समाज , जिसके पाँव दृढ़ता से अपनी प्राचीन संस्कृति और धर्म में जमे हैं , काल की विपरीत गतियों का सफलतापूर्वक सामना करती चली आती थी । भारतवर्ष पर गिद्ध की – सी दृष्टि रखने वाले विदेशीय , हिन्दू समाज के पाँव उखाड़ने में यत्नशील हो गये । एक दूषित संयोग इस्लाम , ईसाईयत और अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त  प्रास्था – विहीन हिन्दुस्तानी घटकों का बन गया और इस संयोग का विरोध करने के लिए आर्य समाज हिन्दू समाज की कायाकल्प करने की चेष्टा करने लगी ।

यह है इस पुस्तक का विषय | इस समय भी भारत देश में दो प्रबल विचार तरंगों की टक्कर हो रही है । इस टक्कर की यह कहानी है । से यह दो लहरों की टक्कर उपन्यास है । ऐतिहासिक पात्रों के विषय में जो कुछ लिखा गया है , वह उनके प्रकाशित विवरणों से ही लिया गया है । अपनी ओर से पूर्ण प्रयत्न किया गया है कि वस्तु स्थिति का ठीक – ठीक चित्रण किया जाये ।

 -गुरुदत्त

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वैद्य गुरुदत्त, एक विज्ञान के छात्र और पेशे से वैद्य होने के बाद भी उन्होंने बीसवीं शताब्दी के एक सिद्धहस्त लेखक के रूप में अपना नाम कमाया। उन्होंने लगभग दो सौ उपन्यास, संस्मरण, जीवनचरित्र आदि लिखे थे। उनकी रचनाएं भारतीय इतिहास, धर्म, दर्शन, संस्कृति, विज्ञान, राजनीति और समाजशास्त्र के क्षेत्र में अनेक उल्लेखनीय शोध-कृतियों से भी भरी हुई थीं।
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