पुस्तक का नाम – वेदों की वर्णन शैलियाँ
लेखक – डा रामनाथ वेदालंकार
वैदिक शैलियों का विवेचनात्मक अध्ययन अतिशय महत्व रखता है । यास्क शौनक आदि प्राचीन आचार्यो ने भी विषय प्रतिपादन की दृष्टि से मन्त्रो से कुछ विभिन्न प्रकारों की ओर संकेत किया था ,किन्तु उन्होंने इसे शैली नाम नही दिया
स्मृतिग्रन्थ आदेशात्मक भाषा में लिखते है कि किसका क्या कर्तव्य है ? परन्तु वेद आदेशात्मक स्वर में बहुत कम बोलते है । उनकी कर्तव्योपदेश करने की विभिन्न शैलियाँ है ।
प्रस्तुत ग्रन्थ में प्रहेलिया , आत्मकथा ,संवाद ,प्रश्नोत्तर , प्रेरणा ,आश्वासन ,आशीर्वाद ,अर्थवाद , अभिशाप ,भर्त्सना ,स्तुति ,प्रार्थना और आशंसा की वैदिक शैलियों को प्रचुर उदाहरणों से विशद रूप में स्पष्ट करते हुए उन उन शैलियों की उपयोगिता भी दर्शाई गयी है ।
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