श्रौतयज्ञों का संक्षिप्त परिचय
अग्निहोत्र से लेकर अश्वमेध पर्यन्त
लेखक ने श्रौत सूत्रों में वर्णित प्रमुख यज्ञों की विभिन्न क्रियाओं का निरूपण किया है । यद्यपि श्रौत ग्रन्थों में निरूढ पशुबन्ध , प्रायश्चित्त आदि का प्रतिपादन भी किया गया है , तथापि उसे सामान्य पाठकों को दृष्टि से अनावश्यक समझ कर छोड़ दिया गया है ।
शेष श्रौत विधियों का साङ्गोपाङ्ग निरूपण करने वाली हिन्दी भाषा की यह पहली पुस्तक है । वैदिक कर्मकाण्ड के जिज्ञासु छात्रों और अनुसन्धाताओं की सुविधा के लिए पुस्तक के अन्त में श्रौत – सम्बन्धी विशिष्ट पारिभाषिक शब्दों की सूची , यज्ञशाला आदि तथा पात्रों के चित्र भी जोड़ दिये गये हैं ।
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