ताकतवर ही सफल होते है । सभी स्थानों में ताकतवान ही सफल होते है कमजोर नहीं । कैसे ताकतवर बनें ? ताकतवर बनने से लाभ क्या? कमजोर से क्या हानिया होती है
1. ताकतवर सफल होते हैं ।
2 . शक्तियुक्त होने से ही मैं सब काम कर सकता
3. शक्ति का अस्तित्व है ।
4. ताकत बिना काम संभव नहीं
5. ताकत के बिना नहीं चलता काम
6. सफलता चलती है बल के आगे – आगे दुनिया है ताकत वालों की
7 .दुनिया है ताकत वालों की
8 . पराजित होना , बलहीन की नियति है
9 . सफलता के लिए , अभ्यास अपनी पूरी ताकत के साथ करना चाहिए ।
10. शारीरिक बल के होने से लाभ
11. क्या होता है , मानसिक बल
12. मनोबल को अडिग बनाएं
13. इंसान जिसमें यकीन करता है , उसे हासिल भी कर सकता है ।
14. मनोबल निराशा से बचाता है ।
15. मनोबल आदत भी सुधारता है
16. मनोबल से हमें ये उपलब्धियां प्राप्त होती हैं ।
17. हमारे अंदर हर समय रहता है मानसिक बल
18. कब टूटता है मनोबल ?
19. मनोबल और श्रद्धा में अंतर
20. आत्मबल और मनोबल में अंतर
21. मानसिक बल अधिक श्रेष्ठ का पता चल जाएगा
24. जितनी ताकत , उतना काम
25. मनुष्य और मशीन
22. अपनी पहुँच के हिसाब से पांव पसारने वाले सफल होते हैं
23. अपने सामर्थ्य को जब देखेंगे तो अपनी सीमाओं
26. स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण
27. शरीर में नहीं होगा दम , तो दिमाग भी होगा कम
28. बीमारी से आगे बढ़ने के रास्ते होते हैं जाम
29. बलनाशक कारणों से दूर रहें
30. शारीरिक बल के क्षय के दुष्परिणाम
31. स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही अहितकर और दुःखद है
32. एक सेहत , हजार नियामत
33. सेहत का रखें ध्यान
34. शारीरिक बल , मानसिक बल को बढ़ाता है ।
35. मानसिक बल , शारीरिक बल को बढ़ाता है ।
36. सबकी अपनी सीमा
37. उम्र का ताकत पर प्रभाव
38. थकावट से रुकावट
39. मन को भी आराम की जरूरत
40. विश्राम से संवरता है काम
41. जितना सामर्थ्य हो , उतना ही काम किया जाए
42. थकने पर हम क्या करते हैं ?
46. हर एक की ताकत अलग – अलग
47. शारीरिक कमजोरी की जननी मानसिक कमजोरी
48. सामर्थ्य के शस्त्र
49. नशा करे नाश
50. मन की ताकत , मन को अधिक समय तक एकाग्र रखने में सहयोगी होती है ।
43. अपना दोहन करो , शोषण नहीं ।
44. पर्याप्त निद्रा लेना चाहिए ।
45. शारीरिक और मानसिक क्षमता निश्चित है ।
51. समय यानी उम्र के साथ बढ़ती है समझ
52. अभ्यास को अधिक समय तक करने की क्षमता बढ़ाएं
53. प्रतियोगिता में सफलता
57. अपनी सीमा रेखा को पहचानें
58. शक्ति अर्जित कर … बनें शक्तिमान
59. बल है तो जीत है
60. अशक्त ही असफल होता है ।
61. सामर्थ्य बढ़ाने के साधन
62. आँखों की देखभाल
54. इच्छाओं और सफलताओं का सीधा संबंध नहीं होता
55. दिल भी टूटेगा और बात भी नहीं बनेगी
56. अपनी सीमा जानें
63. शरीर और मशीन एक जैसे
64. दिमाग में रक्त संचार , सतर्कता और सक्रियता बढ़ाती है कसरत
65. नियमितीकरण से सुधरता है तन मन
66. औषधियों में है दम
67. असली ताकत तो वह है , जो हमारी अपनी
68. सुविधाएं
69. हर समय न करें काम
70. लगातार काम करना नुकसानदेह
71. नियमित और संतुलित काम बेहतर
72. आराम और निद्रा
73. नींद से मिलती है नई ऊर्जा
74. जो काम करे , वही आराम करे
75. यम
76. अपनी ऊर्जा को नष्ट न होने दें ।
77. नियम
78. शौच
79. शरीर शुद्धि
80. पेट है रोगों की जड़
81. क्या खाए
82. क्या न खाए
83. जैसा खाये अन्न , वैसा हो जावे मन
84. संतोष
85. तपस्या
86. स्वाध्याय
87 .ईश्वर प्रणिधान
88 . वास्तविक योगासन
89 . प्राणायाम
90. प्रत्याहार ( इन्द्रिय – जय )
91. धारणा , ध्यान और समाधि
92. श्रद्धा
93. दीर्घकाल और निरंतर अभ्यास
94. उत्साह
95. एकाग्रता
96. बुद्धि
97. स्मृति
98. विद्या
99. विद्या सफलता के करीब ले जाती है
100. वैराग्य ( तृष्णा का त्याग )
101. समर्पण
102. मैने भी अपनी ताकत बढ़ाने का अलग से प्रयास किया
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